Monday, April 19, 2010
Movie Guru: Aishwarya Rai waiting for the Boy at the Railway Station to Elope.... But the Boy ditches
भोर हुई, मोरी अंखियाँ रह गयीं प्यासी,
आये ना तुम लेने मोहे पिया , अकेली रह गयी तुम्हरे चरणों की दासी ,
इतना कमज़ोर था क्या तुम्हारा प्यार, कितना करूँ मैं अब और इंतज़ार ,
मेघ बरस - बरस जलायेंगे मोरा तन ,
बिरहा की अग्नि में तपे है मोरा मन ,
कितने निष्ठुर होगये तुम ओ सनम , संसार में बदनामी के डर से पलट गए क्या तुम्हरे कदम ,
घर द्वार सब छोड़ कर दौड़ी आई मैं सजन , पर पथरा गए तोहे इंतज़ार में अब ये नयन ,
वापस जाऊं तो जाऊं भी कैसे , किसी को ये
मूहं दिखाओं भी कैसे , दुनिया को ये धोखा समझाओं भी कैसे ,
प्यार पर भरोसा करके मैंने ये क्या है पाया , क्या मैं समझी थी तुमको और तुमने अपना ये कैसा रूप दिखाया ,
कहीं की नहीं रही तुम्हारे प्यार में ये बाला , बाबुल को मेरे तो मैंने जिंदा मार डाला ,
कहते थे तुम की करोगे मुझसे शादी , ऐसा मूहं मोड़ा , ऐसा साथ छोड़ा , की रह गयी सिर्फ बर्बादी ,
जब हिम्मत ना थी तो हाथ क्यूँ पकड़ा,
जब ताकत ना थी तो वादों में क्यूँ जकड़ा,
वापस भी ना जपओं , आगे भी ना बढ़ पाऊं ,
ऐसी राह पर साथ तोडा तुमने , कहीं का ना मुझे छोड़ा तुमने.
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